Friday, September 3, 2021

सोलर एनर्जी में मुकेश अंबानी का बड़ा दांव, अब नहीं रहना पड़ेगा चीन पर निर्भर!

 सोलर एनर्जी में मुकेश अंबानी का बड़ा दांव, अब नहीं रहना पड़ेगा चीन पर निर्भर!


मुकेश अंबानी आरईसी को खरीदने के लिए 500 से 600 मिलियन डॉलर के कर्ज के लिए ग्‍लोबल बैंकों से बात कर रही है।



क्योकि सोलर एनर्जी भविष्य में काफी ज्यादा इस्तेमाल होने वाली चीजों में से एक मानी जाती है और सोलर एनर्जी से जुड़े काफी चीजों का इस्तेमाल आज कल लोग कर रहे हैं.


परन्तु सोलर एनर्जी को लेकर भारत, चीन पर काफी निर्भर है और चीन से ही सभी महत्वपूर्ण चीजें आती है जो सोलर एनर्जी में इस्तेमाल होती हैं.



 इसलिए रिलायंस इंडस्‍ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अम्बानी ने क्‍लीन एनर्जी के अपने प्रोजेक्‍ट के लिए शॉपिंग शुरू कर दी है। इसके लिए कंपनी नॉर्वेजियन सोलर मॉड्यूल निर्माता आरईसी ग्रुप को चाइना नेशनल केमिकल कॉर्प (केमचाइना) से 1-1.2 बिलियन में खरीदने जा रही है। आपको बता दें क‍ि ऑयल टू टेलीकॉम समूह ने क्‍लीन एनर्जी में 75 हजार करोड़ रुपए निवेश करने का ऐलान किया है।

कंपनी को खरीदने के लिए 500 से 600 मिलियन डॉलर की फाइनेंसिंग की बातचीत ग्‍लोबल बैंकों के साथ चल रही है। बाकी की र‍कम को इक्‍व‍िटी के माध्‍यम से फाइनेंस किया जाएगा।




इसी के चलते अब रिलायंस इंडस्ट्रीज़ ने सोलर एनर्जी को लेकर बड़ा कदम उठाया है और रिलायंस इंडस्ट्रीज जल्द ही यूरोप की सबसे बड़ी सोलर पैनल बनाने वाली कंपनी आरईसी ग्रुप को खरीदने जा रहीं हैं जिससे सोलर एनर्जी क्षेत्र में भारत की निर्भरता चीन से कम हो जाएगी.


भारत 2022 तक 100 गीगावॉट सोलर के साथ 175 गीगावॉट रिन्‍युएबल कैपेसिटी तैयार करने को पूरी तरह से है। मौजूदा समय में सोलर इक्विपमेंट मार्केट में बीजिंग स्थित कंपनियों जैसे ट्रिना सोलर लिमिटेड, ईटी सोलर, और जिंको का वर्चस्व है। भारत में सोलर सेल के लिए केवल 3गीगावॉट और सोलर मॉड्यूल के लिए 15गीगावॉट की मैन्युफैक्चरिंग क्षमता है।


और हम आपको बता दें क‍ि सोलर एनर्जी में इस्तेमाल होने वाले सिलिकॉन को चीन में बनाया जाता है जिस वजह से पूरी दुनिया चीन पर निर्भर हैं, लेकिन अब बड़े बड़े देश अपने देश में इसका इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहन दे रहा है जिससे हर देश चीन पर निर्भर नहीं रहेगा.

रिलायंस इंडस्ट्रीज अगर इस कंपनी को खरीदने में सफल रहता है तो ये हमारे देश के लिए एक बड़ी कामयाबी होगी जिससे सोलर एनर्जी क्षेत्र में भारत को काफी फायदा होगा.

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